Dr. N.D. Mishra
WORC want to make a world where being socially responsible means that people and organisations must behave ethically and with sensitivity toward social, cultural, economic and environmental issues. Striving for social responsibility helps individuals, organisations and governments have a positive impact on development, business and society with a positive contribution to bottom-line results.
Herbert Spencer द्वरा 1864 में Darwin के “On the origin of species” “natural selection” के सिद्धांत के आधार पर कही गयी दो पंक्तियों में जीवन की नीति और नियति की व्यख्या कर दी “struggle for existence”. & “survival of the fittest”.
आज के इस दौर में जब जातीय एवं सांप्रदायिक संघर्ष मानवता को तार तार कर रही है तो एक ऐसे सूत्र को तलाशने की आवश्यकता है जो किसी भी राष्ट्र के शांति, समृद्धि एवं मानवता से परिपूर्ण समाज का निर्माण कर सके|
मेरे विचार से “राष्ट्रधर्म भी जागृति एवं राष्ट्रीय दायित्व के प्रति निष्ठा समस्त सामाजिक एवं सांप्रदायिक संघर्षों को समूल नष्ट कर सकती है” राष्ट्र धर्म की व्याख्या विभिन्न विद्वानों द्वारा अलग अलग किया जा सकता है किंतु स्वामी विवेकानंद द्वारा एक समृद्ध राष्ट्र के लिए जिस प्रकार के सामाज की आवश्यकता को बताया गया है वैसे समाज का निर्माण कार्य ही राष्ट धर्म है| स्वामी विवेकानन्द ने कहा था “कोई भी राष्ट्र , समृद्ध और मानवता के प्रति सजग तभी हो सकता है जब समाज शिक्षित हो, सुसंस्कृत हो, संगठित हो एवं राष्ट्रीय दायित्व के प्रति निष्ठावान हो|
एक और जहां भौतिकता से प्रभावित राष्ट्र युवाओं और बच्चों की घटती जनसंख्या के कारण अपनी संस्कृति को बचाने के लिए चिंतित है वहीँ विकासशील राष्ट्र अपनी बढ़ती जनसंख्या से चिंतित है|गैर अनुपातिक जनसंख्या वृद्धि संपूर्ण विश्व के लिए चिंता का विषय है| विशेष तौर पर भारत जैसे राष्ट्र जहां विभिन्न जाति एवं संप्रदाय के लोग रहते हैं] वहां के गैर अनुपातिक जनसंख्या वृद्धि भविष्य के लिए विशेष चिंताजनक है|
जीवन की मूल भूत आवश्यकता की पूर्ति के लिए समाज को इतना संघर्ष करना पड़ रहा कि हम भावशून्य होते जा रहे हैं,हमारे विवेक , नैतिकता एवम् मानवता के प्रति भावनात्मक पक्ष का निरंतर ह्रास होता जा रहा है| जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित कर सिमित साधन में भी ,समुचित शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है| सुसंस्कृत, शिक्षित, शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ एवं मानवता के प्रति संवेदनशील समाज का निर्माण कर ही सामाजिक, सांप्रदायिक एवं विश्व शांति की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है।
World responsible citizen organisation का मूल उद्देश्य गैर अनुपातिक जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास करना है| जिससे हम आनेवाली पीढीयों के लिए एक ऐसे समाज का एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण कर सकें जहां प्रेम हो भाईचारा हो एवम् जाति और धर्म से ऊपर मानव धर्म हो | यही हमारे राष्ट्र ,मानव समाज एवं आनेवाली पीढ़ियों के लिये सच्चा प्रेम होगा। भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व की मानव सभ्यता के उज्जवल भविष्य के लिए संपूर्ण विश्व के बुद्धिजीवियों] विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों से गैर अनुपातिक जनसंख्या वृद्धि के नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण के लिये साथ मिलकर काम करने एवं सहयोग हम अपेक्षा रखते हैं।
नीलेंदु दत्त मिश्र. .